साहिर लुधियानवी की ज़िन्दगी के कुछ अंश _सुनहरी यादें _WITH RJ NIDHI

Rj Nidhi Sharma - Un pódcast de Rj Nidhi

Podcast artwork

Categorías:

#SUNEHRIYAADEIN _WITH #RJNIDHI साहिर लुधियानवी, वह जादूगर जो शब्दों को इस तरह से लिखता था, पिरोता था की वह सीधे दिल में उतर जाते थे | बल्कि आज भी उनके शायरी के लाखो दीवाने है | साहिर फिल्म इंडस्ट्री से करीब ३ दशक तक जुड़े रहे इस वक़्त में आपने सेकड़ो मशहूर गीत लिखे जो की आज भी हिन्दुस्तानी लोगो के दिलो पर राज़ कर रहे है | आपके कुछ गाने तो इस कदर मशहूर हुए की उन्हें आज भी गया और गुनगुनाया जाता है | वैसे भी पुराने गीतों की बात ही कुछ और है | देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से आना है तो आ" (नया दौर 1957), संगीतकार ओ पी नय्यर "अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम" (हम दोनो 1961), संगीतकार जयदेव कभी कभी मिरे दिल में ख़याल आता है "मैं पल दो पल का शायर हूं" (कभी कभी 1976), संगीतकार खय्याम "यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है" (प्यासा 1957), संगीतकार एस डी बर्मन "ईश्वर अल्लाह तेरे नाम" (नया रास्ता 1970), संगीतकार एन दत्ता

Visit the podcast's native language site